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Education department का गर्मी को ले कर जारी नया फरमान से कैमूर में शिक्षकों में रोष है नाम न छापने की बात पर शिक्षकों ने कहा कि इस का विरोध होगा।शिक्षा विभाग अब पूर्ण शोषण पर उतर गया है। यहां बता दे कि अप्रैल का महीना शुरू हो चुका है अब तक मध्य से लेकर प्राथमिक विधायलय में शैक्षणिक कामो का समय मे परिवर्तन हो जाता था कक्षाएँ प्रातः 6 बजे से लेकर 11 बजे तक चलती थी।वही गर्मी में विधायलयो में अवकाश रहता था।लेकिन department off एजुकेशन की तरफ से जारी नए नोटिफिकेशन के अनुसार
अब गर्मी के छुट्टी के दौरान विधलाय खुलें रहेंगे बच्चे नही आएंगे,लेकिन शिक्षक बने रहेंगे। इतना ही नही इस बीच मिशन दक्ष के तहत कक्षाएं संचालित होती रहेंगी।
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कैमूर समेत राज्य भर में इस बार गर्मी की छुट्टी का आंनद शिक्षकों को नही मिल सकेगा।शिक्षकों के लिए एक तरह से मान लीजिए तो बुरी खबर है राज्य के सरकारी स्कूल इस बार गर्मी में सुबह की पाली में संचारित नहीं होगी प्रत्येक वर्ष एक अप्रैल से गर्मी को देखते हुए स्कूल के समय में परिवर्तन किया जाता था लेकिन इस बार स्कूल मॉर्निंग शिफ्ट में नहीं चलेगा अभी तक प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक कार्य सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक संचालित हो रही है इस वजह से इस भीषण गर्मी में बच्चों को पूरे दिन स्कूल में रहकर पढ़ाई करनी पड़ेगी ,शिक्षा विभाग में इस संबंध में बिहार के सभी अधिकारियों को नोटिस जारी कर दी है और मॉर्निंग शिफ्ट में संचालित करने पर रोक लगा दी है शिक्षा विभाग ने कहा है कि ग्रीष्म अवकाश के बाद अगर अत्यधिक गर्मी पड़ेगी तो उस समय विचार किया जाएगा वर्तमान में 14 अप्रैल तक स्कूल की समय सारणी सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक ही रहेगी शिक्षक सुबह 9:00 तक स्कूल आएंगे और कक्षाएं 10:00 बजे संचालित होगी , सरकारी स्कूल में 15 अप्रैल से गर्मी की छुट्टी घोषित हो जाएगी जो 15मई तक जारी रहेगी शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार 15 अप्रैल से 15 मई तक केवल कक्षा स्थगित रहेंगे लेकिन स्कूल खुले रहेंगे शिक्षक को प्रतिदिन स्कूल आना होगा गर्मी की छुट्टी के दौरान सामान बच्चों की कक्षाएं नहीं चलेंगे लेकिन मिशन दक्ष और विशेष कक्षाएं चलेंगे।
यहां बता दे कि राज्य भर मेंभीषण गर्मी प्रारम्भ हो चुकी है।प्रातः 9 बजते बजते तापमान बढ़ जा रहा है।और तीखी धूप से लोगों का निकलना दूभर हो रहा है।अभी अप्रैल का प्रथम सप्ताह चल रहा है,15 जून के बाद मानसून आने की संभावना मौसम विभाग पहले ही बता चुका है।इस बीच गर्म हवाओं के थपेड़ों से लोगो को जूझना पड़ेगा।सरकारी स्कूलों की हालत यह है कि अधिकांश विधायलय जीर्ण शीर्ण अवस्था मे पड़े हुए है अधिकांशत स्कूल शहरी क्षेत्र को छोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी से दूर खुले में अर्थात खेत खलियान के बीच अवस्थित है।इन स्कूलों में जल की भी व्यवस्था न के बराबर है।गर्मी आते ही कैमूर क्रिटिकल जॉन में चला जाता है।भू जल का सामान्य स्तर से घट कर 2 से तीन फुट नीचे चला जाता है।जिससे जल संकट की बड़ी समस्या उतपन्न हो जाती है। ज़िले की भौगोलिक क्षेत्र एक सामान्य नही है। पठारो एवं जंगलों से घिरा पड़ा है मैदानी इलाकों के अतिरिक्त पहाड़ी क्षेत्रों में पशु तक एक दूसरे स्थान पर पलायन करना लोगो की मजबूरी बन जाती है। ऐसे स्थिति में खास कर कैमूर में गर्मी की छुट्टी न करना और सामान्य वर्ग के बाजए मिशन दक्ष जैसे विशेष कक्षाओं का सफल संचालन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है।
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