संपादकीय:असली बॉस तो नीतीश कुमार ही है

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2024 का प्रथम मास बिहार राज्य वासियों के लिए खास माना जा रहा है,राजधानी पटना में खास कर राज्य के मुखिया की अचानक बड़ी सियासी सरगर्मी से एक बार फिर कुछ बड़ा होने की उम्मीद जताई जा रही है।ऐसा लग रहा है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महीना के अंत अंत तक अंतिम फैसला ले सकते है।

खास कर बिहार में विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं के हालिया बयान से राजद और जदयू में उथल पुथल मचना तय है।मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के नेताओ को एकजुट करने के लिए कई बदलाव कर चुके है।आने वाले दिनों में और भी बदलाव होने की संभावना है।
कयास यह भी लगाया जा रहा है कि
नीतीश कुमार आने वाले कुछ दिनों में अंतिम फैसला कर सकते हैं कि वह किस गठबंधन के साथ मिलकर लोक सभा का चुनाव लड़ेंगे.हालांकि दोनों ही सूरतों में यह भी तय माना जा रहा है कि उनकी पार्टी के कई नेता उनका साथ छोड़ सकते हैं, लेकिन बिहार से आ रहे राजनीतिक बदलावों के संकेतों के लिहाज से जनवरी का यह महीना खासतौर से 22 जनवरी से लेकर 27 जनवरी तक का समय काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।

विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस और अन्य दलों द्वारा अपनी अनदेखी से नाराज नीतीश कुमार ने अचानक अपनी सक्रियता इतनी बढ़ा दी है.पिछले 25 दिनों में नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक सक्रियता को बढ़ाकर पार्टी और सरकार को फिर से पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया. पहले राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, फिर ललन सिंह सहित उनके सभी करीबियों को हटाकर राष्ट्रीय पदाधिकारियों की अपनी नई टीम बनाई.

नीतीश कुमार ने शनिवार, 20 जनवरी को पार्टी और सरकार से जुड़े दो अहम फैसले लेकर बिहार में सभी राजनीतिक दलों और प्रशासनिक अधिकारियों को यह भी संदेश दे दिया कि बात चाहे पार्टी की हो या सरकार की, असली बॉस नीतीश कुमार ही हैं।

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