Guru ji हो गए नाराज़ सक्षमता परीक्षा के आदेश की प्रतियां ही जला डाली

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गुस्से में गुरुजी लोग सक्षमता आदेश की प्रतियां को जलाते हुए

कैमूर ज़िले में गुरुजी लोग अत्यंत आक्रोशित है,कहना था कि सरकार का हर आदेश गुरुजी पर ही चलता है।बीच बीच मे ली जाने वाली परीक्षा का जी मन कर सहयोग करते है।आखिर परीक्षा पर परीक्षा गुरुजनों से ही क्यों,गुरुजनों ने यह भी कहा कि राज्य में शिक्षा के स्तर में जो आज सुधार दिखने को मिल रहा है वह नियोजित शिक्षक और शिक्षिका की ही देन है। गुरुजी बनने वाली नियमावली को ही असंवैधानिक बताते हुए आन्दोल भी राज्य स्तर पर किए जाने की बात कह डाली

रिपोर्ट खास

मोहनिया में गुरुजी ने आदेश की प्रतियां जला कर विरोध किया ,भभुआ में बैठक कर एकजुटता दिखाने की कोशिश की गई।

कैमूर में शिक्षक यानी नियोजित शिक्षक होने वाली सक्षमता परीक्षा को लेकर काफी गुस्से में है सक्षमता परीक्षा व शिक्षकों के तीन जिलों में ट्रांसफर करने के आदेश को लेकर कई शिक्षक संघ आक्रोशित हो गए।है।

इस आदेश को वापस लेने के लिए ज़िले के विभिन्न स्थानों पर बैठकों व आदेश की प्रतियां जलाए जाने की सूचना है।

जानकारी के अनुसार मोहनिया स्थित बीआरसी भवन में शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी द्वारा जारी शिक्षक साक्षमता परीक्षा के संयुक्त आदेश की प्रति जलाकर शिक्षकों ने विरोध जताया इस दौरान बिहार राज्य शिक्षक महासंघ के पदाधिकारी ने कहा हम लोगों की यह मांग है कि बिना शर्त हम शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए ।लगभग 20 वर्षों से शिक्षण कार्य करने का नियोजित शिक्षकों का लम्बा अनुभव रहा है।


इसलिए सक्षमता परीक्षा का आदेश से मुक्त किया जाए , शिक्षक ने इसे गैर संवैधानिक बताते हुए कहा कि यह मनमाना आदेश शिक्षकों पर न थोपा जाए, भभुआ नगर के जगजीवन स्टेडियम में बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षा संघ के अध्यक्ष दिलीप कुमार की अध्यक्षता में बैठक की गई इसमें शिक्षक संघ द्वारा मुख्यमंत्री से मिलकर आठ बिंदुओं पर सुझाव करने पर चर्चा भी की गई, शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलकर शिक्षक मांग करेंगे की नियोजित शिक्षक के ट्रांसफर किए जाने वाले आदेश में तीन जिला के ऑप्शन को हटाया जाए , एछीक स्थानांतरण लागू किया जाए सीबीटी यानी के कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट हटाकर ऑफलाइन परीक्षा ली जाए नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को समाप्त किया जाए, परीक्षा के पहले नियोजित शिक्षक शिक्षिकाओं के वेतन संरक्षण को सार्वजनिक किया जाए वेतन विसंगति को सुधार कर ही अगले वेतन संरचना का निर्माण किया जाए परीक्षा विस्तार पूर्वक सिलेबस करने हेतु परीक्षा की तिथि व इंटर मैट्रिक उत्तर पत्रिकाओं में मूल्यांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के काम से कम एक माह का वेतन निर्धारित किया जाए। इस मौके पर कई शिक्षक मौजूद थे वहीं मौजूद शिक्षकों में रविंद्र पासवान मंत्रीपाल रविता पटेल उदय शंकर राय इम्तियाज अली मनोज पासवान धर्मेंद्र प्रभाकर राजवंश दुबे रंजीत कुमार शौकत अली प्रमोद सिंह हरेंद्र सिंह आदि सैकड़ो शिक्षक ने हुंकार भरी वही मोहनिया स्थित बीआरसी भवन में शिक्षक कमलेश कुमार सिंह योगेंद्र कुमार सिंह राजीव कुमार पांडे अमरिंदर सिंह सैयद एजाज अहमद जितेंद्र कुमार सिंह जयशंकर सिंह अरुण सिंह सहित कई शिक्षक भी उपस्थित थे जिन्होंने सक्षमता परीक्षा के आदेश को गलत बताया और कहा कि कहां की शिक्षकों के इस परीक्षा आदेश को अगर वापस नहीं लिया गया तो हम सड़क से लेकर विधानसभा तक आंदोलन करेंगे ।और उन्होंने सभी शिक्षक शिक्षिकाओं से अपील करते हुए कहा के साक्षमता परीक्षा का बहिष्कार करें इस अन्याय के खिलाफ़ एकजुट हो।

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