खबर कैमूर के भभुआ से है जहां जिले में आए नए विकाश आयुक्त से मिलने के लिए सत्ता में बैठे पार्टी के किसी नेता से पैरवी कराना होगा।जहां एक तरफ जिला पदाधिकारी से मिलने या बात करने के लिए आसानी है वहीं विकाश आयुक्त से मिलने के लिए आपको विशेष पैरवी की जरूरत है मानों नीतीश कुमार से शायद सीधे फोन भी कराना पड़ सकता है हमारे एक पत्रकार एक मामले को लेकर डीडीसी साहब से मिलने गए थे पहले तो बाहर बैठे उनके सेवादार ने पहले ही कह दिया की आप साहब से नहीं मिल सकते परिचय बताने पर पर्ची भेजने की पहल हुई लेकिन सोचने वाली बात तो तब है जब आधे घंटे तक पत्रकार महोदय बाहर बैठे रहें वहीं सत्ता में बैठे पार्टी के एक अदने से नेता को खुद अंदर से डीडीसी साहब का बुलावा आता है। ऐसे में ये साफ हो जाता है की डीडीसी साहब का प्रेम जनता और पत्रकार से कहीं बढ़कर सत्ता पक्ष से ज्यादा है। हालांकि इस पर इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स,कैमूर के सचिव अरशद रजा ने कहा की कैमूर के पदाधिकारी का पत्रकारों के प्रति ऐसा बर्ताव उचित नहीं है जल्द ही इसपर चर्चा कर जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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