Kaimur :अलविदा की नमाज़ कल पढ़ी जाएगी अकीदत के साथ,मसाजिदो में भीड़ को देखते हुए खसुसी इंतज़ाम

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रिपोर्ट : अरशद रज़ा शाहाबाद डेस्क कैमूर बिहार

इस बार kaimur समेत देश भर में 5 अप्रैल को एक साथ नमाज़ अलविदा अदा की जाएगी।मुस्लिम समुदाय में अलविदा जुमा को लेकर काफी खासा उत्साह है. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, अलविदा की नमाज में लोग सच्चे दिल से जो जायज दुआ मांगते हैं वो कुबूल होती है.

मुस्लिम धर्मावलंबियों के लिए रमजान का महीना बेहद पाक माना जाता है. इसी खास महीने के आखिरी जुमे को अलविदा जुमा कहा जाता है.
कल 5 अप्रैल है कल रमज़ान के महीना का आखिरी जुमा है। जुमा का अर्थ होता एक साथ सामूहिक रूप से नमाज़ अदा करना ।
वैसे तो रमजान में हर जुमे की अपनी अहमियत है, लेकिन मुस्लिम समुदाय के लिए अलविदा जुमा एक अलग ही महत्तव रखता है. अलविदा जुमा को अरबी में ‘जमात-उल-विदा’ भी कहा जाता है.

रमजान के महीने में मुसलमान पूरे 29 या 30 दिन तक रोजा रखते हैं यानी करीब चार हफ्ते रोजे की मुद्दत होती है.

इन चार हफ्तों में जो आखिरी जुमा होता है, वही अलविदा जुमा कहलाता है.

अलविदा जुमा रमजान महीने के तीसरे अशरे (आखिरी 10 दिन) में पड़ता है. इस्लामी तालीमात की व्याख्या का आधार कहे जाने वाली हदीस के मुताबिक, रमजान का महीना वो पाक महीना होता है, जिसमें हर नेकी और इबादत के बदले 70 गुना ज्यादा सवाब मिलता है.

अलविदा जुमा की नमाज को लेकर एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है और मस्जिदों में भी खास तैयारी की जाती है.रोजेदार नये और अच्छे कपड़े पहनकर और इत्र (खुशबू) लगाकर नमाज के लिए घर से बाहर निकलते हैं और मस्जिदों में इबादत करते हैं. बच्चे हों या बूढ़े सभी लोग इस दिन को खास तरीके से मनाते हैं.

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