Buxar ~किसानों पर लाठी चार्ज से बिफरे कैमूर किसान नेताओ ने बिहार सरकार को दी कड़ी चेतावनी

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Report ® syed arshad raza shahabad kaimur desk】[9304587652]

एस टी पी एल बक्सर थर्मल पावर प्लांट चौसा के लिए किसानों से जबरन अधिग्रहीत जमीन का वाजीब मुआवजा की मांग को लेकर निर्माणाधीन चौसा थर्मल पावर प्लांट के सवाल पर 17 अक्टूबर 2022 से किसानों के लगातार चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के लिए  किसानों, महिलाओं एवं बच्चों के ऊपर पुलिसिया तांडव,नंगा-नाच की कैमूर किसान यूनियन घोर निंदा की है साथ ही बिहार सरकार को कड़े शब्दों के।चेतावनी दी  है की किसानों की मांग नही मानी गई तो अब व्यापक पैमाने पर आंदोलन होगा जिसकी ज़िमेदार बिहार की सरकार होगी। कैमूर किसान संघ ने प्रेस रिलीज जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री बिहार  नीतीश कुमार जी की डब्ल इंजन की सरकार से मांग की है है कि किसानों के ऊपर आंसू गैस का गोला बर्षाने, एवं अंधाधुंध लाठीचार्ज कर बेवजह दर्जनों किसानों, महिलाओं एवं बच्चों को बुरी तरह से घायल करने वाले पुलिस पदाधिकारी पर अविलंब कठोर कार्रवाई की जाए।घायलों को ईलाज के लिए पर्याप्त मुआवजा तथा किसानों को जमीन का वाजिब मुआवजा का अविलंब भुगतान किया जाए।वर्ना किसानों, बच्चों एवं महिलाओं के सर से गिरे खून के हर कतरे का हिसाब लिया जाएगा।
कैमूर किसान यूनियन अध्यक्ष हरिजी सिंह और महासचिव अमित राय एवं सैकड़ों किसान नेताओं ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के लिए लगातार पुलिस द्वारा बेवजह हमला किया जा रहा है।अंधाधुंध आंसू गैस का गोला बरसाना और भीषण लाठी चार्ज कर किसानों, महिलाओं एवं बच्चों को पीटना तथा गांव में घुसकर किसानों के दरवाजे पर खड़ी ट्रैक्टर एवं अन्य वाहनों के साथ तोड़फोड़ कर तहस नहस करने की कार्रवाई की घोर निंदा करते हुए सरकार से अविलंब कठोर कार्रवाई की मांग की है। किसानों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन कारखाना प्रबंधन से मोटी रकम लेकर किसानों को डराने धमकाने और उनके आंदोलन को कुचलने के लिए बिगत 30 नवंबर 2022 को भी इसी प्रकार धरना स्थल पर हमला कर किसानों के द्वारा लगाए गए टेंट वगैरह को तोड़ना, खाने का सारा साजो सामान को उठाकर अपने साथ ले जाना और निर्दयतापुर्वक बच्चों एवं महिलाओं पर लाठी चार्ज किया गया था। किसानों के मनोबल को तोड़ने के लिए विगत 10 जनवरी 2023 को आधी रात को चोरो की तरह किसानों के घरों में घुसकर महिलाओं एवं बच्चों के साथ मारपीट एवं बदसलूकी की गई थी। फिर भी किसानों ने अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन के मैदान में डटे हुए हैं। आज फिर किसानों के आंदोलन को कुचलने की नियत से किसान विरोधी मोदी नीतीश की डबल इंजन की सरकार ने यह घोर अन्याय किया है।किसानों के ऊपर इस जुल्म को देखकर सम्पुर्ण देश और बिहार के किसान आज आक्रोशित है।चौसा के किसानों को जल्द न्याय नहीं मिला तो संयुक्त किसान मोर्चा संपूर्ण बिहार में उनके समर्थन में आंदोलन खड़ा करने को मजबूर होगा।

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