सिविल सर्जन कैमूर द्वारा स्वास्थ कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण




भभुआ- स्टेट टीओटी के बाद अब जिला स्तर पर आगामी एमडीए अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जिले के प्रखंडस्तरीय स्वास्थ्य अधिकारीयों एवं कर्मियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मीना कुमारी, सिविल सर्जन ने किये। मौके पर सीएस ने कहा कि फाइलेरिया को नियंत्रित करने के लिए सर्वजन दवा का सेवन आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जिले में आगामी 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम प्रस्तावित है। इस दौरान यह सुनिश्चित करें कि अधिक से अधिक लोग सर्वजन दवा का सेवन करें और हाथी पाँव जैसे गंभीर रोग से बचें। उन्होंने कहा कि अब प्रखंड स्तर पर आशाकर्मियों को प्रशिक्षित कर इस अभियान की गुणवत्ता और सफलता सुनिश्चित करें। कार्यशाला में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. आर.के.चौधरी, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रोहित कुमार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. अरुण कुमार, सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक के साथ पिरामल के डीपीओ चन्दन प्रसाद एवं पीसीआई डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर मोहम्मद शादाब आलम उपस्थित रहे।
तैयार किया जायेगा माइक्रोप्लान:
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. आर.के.चौधरी ने कहा की अभियान की शत प्रतिशत सफलता सुनिश्चित करने के लिए माइक्रोप्लान तैयार कर उसी के हिसाब से लोगों को दवा खिलानी है। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट होने पर लोगों की सुरक्षा हेतु जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन भी किया जायेगा। इसके लिए रैपिड रेस्पोंस टीम के सदस्यों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं जो स्वतः समाप्त हो जाती हैं।
सभी प्रखंडों में संचालित किया जायेगा एमडीए अभियान:वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रोहित कुमार ने बताया कि जिले के सभी 11 प्रखंडों में एमडीए अभियान संचालित किया जायेगा। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक जागरूकता के लिए अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि 2 वर्ष से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जानी है। कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है। दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खाना जरूरी है।
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